शनिवार, 16 दिसंबर 2023

Investment Is The Key Of Success निवेश ही सफलता की कुंजी है

          हम हमारे ज्ञान और मेहनत के आधार पर ही कमाई कर सकते हैं। लेकिन हर व्यक्ति के पास ज्ञान,समय और काम करने की क्षमता की एक सीमा होती है उससे ज्यादा धन कमाना संभव नहीं है। ऐसे में कोई ऐसा उपाय होना चाहिए जो हमें अपनी सीमाओं से ज्यादा कमाई कर सके।  यानी पैसा ही पैसा को बढ़ाने लगे। यही पर निवेश का मंत्र काम आता है। हम में हर किसी को यदि समृद्ध होना है तो निश्चित रूप से किसी न किसी तरह के निवेश के तरीकों को आजमाना होगा। निवेश के लिए परापंरागत रूप से बैंकों में धन रखा जाता है, लेकिन यह मंहगाई और टैक्सेबल होने के कारण उतना कारगर नहीं है। सीधे शेयर (Direct Share ) में खरीदारी, म्यूचल फंड (Mutual Fund), सोना-चांदी(Gold Silver), बांड (Bonds) निवेश आदि ही वह उपाय हैं,  जिनसे हम अपनी सीमाओं से ज्यादा कमा सकते है। इसके लिए वैसे तो बाजार में कई लोग है जो अपने कमीशन लेकर आपको निवेश कराने में मदद कर सकते हैं। लेकिन यदि आप स्वंय कुछ समय निकाल कर इस बारे में पढ़े और कुछ तकनीक ज्ञान के साथ इसे सीख ले तो यह बेहद आसान है।

निवेश में कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। हमारे पास पैसा लिमिटेड ही होता है एसे में निवेश उस जगह करें जहां से कभी भी पैसा निकाला जा सके। ऐसे में रियल स्टेट में निवेश ठीक नहीं है। क्योंकि आवश्यकता होने पर इसमें से पैसा निकालना संभव नहीं है। मकान खरीदकर उसमें किराएदार रख कर कमाई करने की सोच भी अब सही नहीं है क्योंकि यदि आप हिसाब लगाए तो इससे ज्यादा तो आपको बैंक ही रिटर्न दे देती है।

यदि आप म्यूचल फंड में पैसा लगाते हैं तो यह मंहगाई के अनुपात में ज्यादा तेजी से बढ़ता है साथ ही इससे आप लाभांश (dividend )के रूप में कमाई भी कर सकते हैं।
शेयर मार्केट में जोखिम तो है लेकिन सर्वाधिक फायदा इसी क्षेत्र में होता है। इसमें आप शेयर के भाव बढ़ने के साथ ही लाभांश के रूप में कमाई कर सकते हैं। यदि आप सोना खरीदते है तो भी आभूषण खरीदने में समझदारी नहीं है बल्कि 24 कैरेट के सिक्के या बिस्किट रखना ज्यादा फायदेमंद है। आप डिजीटल गोल्ड भी खरीद सकते है।     

अत:  कुछ भी उपाय कीजिए लेकिन यदि आप अपनी क्षमता से ज्यादा कमाना चाहते तो पैसे को काम पर लगाइए।


गुरुवार, 9 जून 2011

खुदा ही कह दूं ..

क्या नज़ारे अब भी उसी के हाथ हैं की कब बदलेंगे...क्या इतने दिनों बाद भी इतनी दूर से ही वही तय करेगा की कब मैं खुश रहूँगा ...तो क्यों न मैं उसे खुदा ही कह दूं ..